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दुर्ग पुलिस का पत्रकारों पर दमनकारी रवैया-शांतिपूर्ण धरने को बर्बरतापूर्वक कुचलने का कुत्सित प्रयास।

 

दुर्ग पुलिस का पत्रकारों पर दमनकारी रवैया – शांतिपूर्ण धरने को बर्बरतापूर्वक कुचलने का कुत्सित प्रयास

पत्रकारों के विरोध स्थल पर टेंट और बैनर हटाए, खाना फेंका; धरने में शामिल पत्रकारों ने प्रशासन से पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी के निलंबन की मांग की।

पत्रकारों के आंदोलन को बलपूर्वक समाप्त करने की कोशिश; पत्रकार राकेश तम्बोली के समर्थन में हुए धरने पर पुलिसिया दमन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

दुर्ग:- छत्तीसगढ़ का सबसे खूबसूरत शहर दुर्ग आज पुलिस की कायराना हरकत से पुरे छत्तीसगढ़ में निंदा का कारण बन रहा है पुलिस और प्रशासन को सुचना देने के बाद भी पत्रकारों के शांति पूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास पुलिस के द्वारा किया पत्रकारों के धरना स्थल में लगे टेंट,बैनर पोस्टर ही नहीं उखाड़ा गया,पत्रकारों के लिए बन रहे भोजन को पुलिस ने फेकने का काम भी किया ये सब सिटी कोतवाली थाना प्रभारी के द्वारा बल के साथ कराया गया पत्रकारों के पूछने पर ऊपर से आदेश है किसका आदेश हुआ ये पत्रकारों को नहीं बताया गया लेकिन पत्रकारों के धरना को कुचलने का पूरा प्रयास किया,पत्रकारों ने जमीन में बैठ कर अपने आंदोलन को पूर्ण करते हुए दुर्ग कलेक्टर को पत्रकार राकेश तम्बोली को न्याय और पुलिस की इस कायराना हरकत केलिए माननीय राज्य पाल एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के नाम ज्ञापन दिया जिसमें दुर्ग पुलिस अधीक्षक और संबधित थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की।

पत्रकार को न्याय दिलाने आज दुर्ग में पत्रकारो ने धरना दिया मामला क्या था :-

पुलिस द्वारा की गई आरोग्यम हॉस्पिटल के शिकायत पर बिना जाँच किये वरिष्ठ पत्रकार पर एफ आई आर का। यह इसलिए किया गया था की पांच माह पहले दुर्ग के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा दुर्ग के सबसे बड़े आरोग्यम हॉस्पिटल में महिलाओं की निज़ता के उल्लंघन का मामला 3 जून को जिसमे एक नहीं बल्कि 2 बार दुर्ग की कलेक्टर महोदया को  इस हॉस्पिटल पर कार्यवाही करने के लिए शिकायत किया गया वही इस शिकायत पर तात्कालिक नर्सिंग होम नोडल अधिकारी ने जाँच किया तो पायाकि  सही हैँ यह शिकायत। लेकिन कार्यवाही इस हॉस्पिटल पर ना कर  मुख्य जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी मनोज दानी ने उसे और भ्रष्टाचार करने पर जोर दिया। बहरहाल इस हॉस्पिटल द्वारा शिकायतकर्ता पत्रकार पर झूठे एफ आई आर करवा दिया गया। बिना जाँच इस एफ आई आर पर पूरा संयुक्त पत्रकार संगठन एक हो कर आज 11 नवम्बर को पुलिस के खिलाफ झूठी एफ आई आर रद्द करने और जिला प्रशासन को आरोग्यम हॉस्पिटल पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने का शांतिपूर्ण ढंग से धरना के बाद कलेक्टर को ज्ञापन देने का था लेकिन जिस तरह से दुर्ग पुलिस ने पत्रकारों के साथ अत्याचार किया उसे पुलिस विभाग दागदार हो चूका है। प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी जो हीटलर की तरह कार्यवाही किया उससे पुलिस की छवि ख़राब है गई है।

कलेक्टर को मिलकर दिया ज्ञापन

दमनकारी दोषी पुलिस अधिकारी पर कार्यवाही करने, पत्रकार पर दर्ज झूठा एफ आई आर रद्द करने और महिलाओं की इज्जत से खुलेआम खेलने वाले, महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने वाले आरोग्यम हॉस्पिटल पर कार्यवाही करने का ज्ञापन सौंपा गया। प्रदेश से आये छ ग पत्रकार एकता महासंघ के वरिष्ठ पत्रकार अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राकेश प्रताप सिँह परिहार बिलासपुर से, महफूज खान मुंबई से,जितेंद्र जयसवाल रायपुर से, रजा खान रायगढ़ से,अनंत भगत, मो निज़ाम अंसारी गोविंद शर्मा, विक्रांत मालकन  बलराम पुर से राकेश जसपाल, निरंजन गुप्ता नंदिनी अहिवारा से ,दर्शन मिरि अभनपुर से, प्रेम सोनी, संगीता साहू, माही सार्वा, कृष्णा लाल रायपुर से, राकेश तम्बोली, गोपाल निर्मलकर, धर्मेंद्र गुप्ता, मनीष शर्मा,जीवनी खंडे,मोहन लाल गुप्ता, सुरेश गुप्ता,रोशन लाल सिन्हा, विजय देवांगन, सुकांता कुमार खाड़ा, शिवेंद्र शिंदे, तरुण पटेल,नीलेश साहू मिश्री लाल प्रजापति, गोवर्धन ताम्रकार,नवीन राजपूत, राजेश ताती  सहित कई पत्रकार मौजूद थे।

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